बीकानेर में कई गाँवो में वोटिंग का बहिष्कार, यहां केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के बेटे लोगों को समझाने पहुंचे
बीकानेर न्यूज़ । मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे गांव वाले चुनावी वादों-गारंटियों पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। यही वजह है कि बीकानेर के एक और गांव में लोगों ने वोट का बहिष्कार कर दिया है। ‘एक और’ से आशय यह है कि अब तक दो गांवों में वोटिंग बहिष्कार की खबर आ चुकी है। पहली खबर उस खाजूवाला विधानसभा के डाइयां गांव में बहिष्कार की है जो बीकानेर शहर से महज 20 किमी दूर ह। अब दूसरी खबर नोखा के दासनू गांव से हैं। यहां के मतदाताओं ने वोट करने से इनकार कर दिया है। पोलिंग बूथ सूना पड़ा है और लोग कुछ दूर बैठे हैं। अब कई अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं और उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
गांव तक जाने को सड़क ही नहीं :
नोखा का दासनू गांव रायसर ग्राम पंचायत मुख्यालय से महज चार किमी दूर है। यहां बाकी मूलभूत सुविधाएं तो कम है ही गांव तक जाने को सड़क ही नहीं है। यहां के लोगों का कहना है, बार-बार पुकार के बाद जब आवाज नहीं सुनी गई तो वोट देने का फायदा क्या! यही सोचकर इस बार वोट नहीं देने का निर्णय लिया है। बहिष्कार की सूचना के साथ ही ब्लॉक सहित जिलेभर के अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं।
इससे पहले खाजूवाला विधानसभा इलाके के डाइयां गांव में वोट बहिष्कार हो चुका है। बड़ी बात यह है कि एयरपोर्ट के नजदीक यह गांव केन्द्रीय मंत्री और बीकानेर से लोकसभा प्रत्याशी अर्जुनराम मेघवाल की ससुराल नाल बड़ी ग्राम पंचायत का हिस्सा है। कांग्रेस के प्रत्याशी और पूर्व मंत्री गोविंदराम मेघवाल इससे पहले जिस खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र से विधायक और राजस्थान सरकार में कद्दावर मंत्री रहे थे उनकी विधानसभा का यह क्षेत्र हैं। फिलहाल इस विधानसभा से भाजपा के डा.विश्वनाथ मेघवाल विधायक हैं। ऐसे में इतने मजबूत जनप्रतिनिधियों के गांवों की यह हालत है तो दूरस्थ गांवों में कैसे हालात होंगे इसका अनुमान लगाया जा सकता है।
फिलहाल जहां कई अधिकारी डाइयां गांव पहुंचे हैं वहीं केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के बेटे नवीन डाइयां गांव पहुंचे हैं। वे यहां लोगों से बातचीत कर रहे हैं। अभी तक समझाइश का कोई असर नहीं दिखा है। लोग गांव में घूमकर उन्हें भी हालात बता रहे हैं।
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