किलर बना चाइनीज मांझा, 10 घंटे में 250 से ज्यादा लोग जख्मी 78 के गले पर गहरा घाव

किलर बना चाइनीज मांझा, 10 घंटे में 250 से ज्यादा लोग जख्मी 78 के गले पर गहरा घाव

बीकानेर न्यूज़। चाइनीज मांझे के खिलाफ प्रशासन के अभियान की शुक्रवार को आखातीज के दिन पोल खुल गई। महज 10 घंटे में 250 से ज्यादा घायल पीबीएम, सेटेलाइट और प्राइवेट हॉस्पिटलों में पहुंचे। इनमें ज्यादातर मरीजों की गर्दन में गहरे घाव थे। हैरानी की बात यह है कि पिछले एक महीने से जिला प्रशासन चाइनीज मांझे के खिलाफ अभियान चला रहा था। इसके बावजूद लोगों ने चाइनीज मांझे का धड़ल्ले से उपयोग किया। जिसका नतीजा यह रहा कि राह चलते बाइक सवार लोगों की गर्दन रबड़ की तरह कट गई। पीबीएम और सेटेलाइट हॉस्पिटल में 15 से ज्यादा मरीज ऐसे थे, जिनकी सांस नली तक चाइनीज मांझा पहुंचा था। यह तो गनीमत रही कि किसी बाइक सवार की जान नहीं गई। लेकिन जिन लोगों की गर्दन, आंख, नाक, और हाथ-पांव में गहरे घाव हुए हैं, वे जवाबदेह अधिकारियों की अनदेखी से हुए इस दर्द को कई महीनों तक भुला नहीं पाएंगे।

आधा सेंटीमीटर दूर थी मौत, ऑपरेशन कर दो मरीजों की जान बचाई

पीबीएम की ईएनटी डिपार्टमेंट के सीनियर रेजिडेंट डॉ. अशोक पूनिया ने कहा कि ट्रोमा सेंटर में सुबह आठ बजे से मरीजों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका था। दोपहर तक मांझे से कटने वाले घायलों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी। शाम तक मांझे से गर्दन कटने वाले मरीजों की संख्या 78 तक पहुंच गई थी। एक के बाद एक मरीजों को देखकर हमारी पूरी टीम हैरान रह गई। गंभीर घायलों में दो मरीज ऐसे थे, जिनके आधा सेंटीमीटर मांझा गर्दन के अंदर चला जाता तो सांस नली कट सकती थी। दोनों मरीजों को खून रुकने का नाम नहीं ले रहा था। पूरी शर्ट खून से सन गई। तुरंत दोनों को ऑपरेशन थियेटर लेकर गए, जहां उनकी गर्दन का ऑपरेशन कर जान बचाई गई। फिलहाल दोनों की स्थिति खतरे से बाहर है, दोनों पीबीएम की आईसीयू में भर्ती हैं। सांस नली कटने से मरीज की जान भी जा सकती है।

डॉ. अशोक पूनिया | सीनियर रेजीडेंट ईएनटी

24 घंटे अलर्ट मोड में रहे डॉक्टर-सीएमओ डॉ. एलके कपिल
चाइनीज मांझे से घायल होकर हॉस्पिटल पहुंचने वाले मरीजों के लिए डॉक्टरों को कुछ दिन पहले ही अलर्ट कर दिया था। शुक्रवार को ईएनटी, ऑर्थो, आई हॉस्पिटल, स्किन, सर्जन और एनेस्थीसिया के डॉक्टर 24 घंटे ट्रोमा सेंटर में मौजूद रहे। ईएनटी के प्रोफेसर एवं एचओडी डॉ. गौरव गुप्ता भी लगातार गंभीर घायलों का फीडबैक ले रहे थे। ट्रोमा सेंटर में मौजूद डॉक्टरों में ईएनटी के सहायक आचार्य डॉ. मनफूल महरिया, डॉ. सैफाली, डॉ. आयुषी, डॉ. राजीव, एनेस्थीसिया के डॉक्टर सुनील, डॉ. शिखा, नर्सिंग ऑफिसर संजय जांगिड़, अनिल, राजेंद्र, राजकुमार खड़गावत और त्रिलोक सिंह राजपूत का सहयोग रहा। मांझे से 500 से ज्यादा प​क्षी घायल हुए। तीन दर्जन से ज्य़ादा की मौत हाे गई।​

घायल पक्षियाें के लिए राजमाता सुशीला कुमारी जीवदया सेवा समिति की ओर से तीन दिन तक निशुल्क उपचार कैंप लगाया गया। समिति के रामदयाल राजपुरोहित ने बताया कि पांच जगह पर कैंप लगाए गए थे, जहां वेटरनरी डॉक्टरों ने घायल पक्षियों का इलाज किया। अधिकतर पक्षी इतनी बुरी तरह घायल हैं कि उन्हें बर्ड केयर यूनिट में रखा गया है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
रोजाना पुदीना का सेवन करने से कुछ लोगों में सीने में जलन की समस्या हो सकती है गर्मियों में आपको तरोताजा रखेगा मटके का पानी, पेट की गर्मी करेगा शांत, 5 फायदे जानकर बंद कर देंगे फ्रिज चिया सीड्स चिया पौधे (Salvia hispanica) से प्राप्त होते हैं। इन्हें हिंदी में चिया के बीज भी कहा जाता है। आचार्य बालकृष्ण ने बताया गजब का घरेलू उपाय रामनवमी के दिन तुलसी पूजा करना शुभ क्यों माना जाता है? शीतला सप्तमी कल, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपाय महाकुंभ भगदड़ में 35 से 40 मौतें Ram Navami and Ram Mandir – Quotes, Images & Posters इस दिन लग रहा है साल का पहला सूर्य ग्रहण, भूलकर भी न करें ये काम राम मंदिर के बारे में 10 रोचक तथ्य जो आपको जानना जरूरी है।