बीकानेर में लड़के से लड़की बने ‘इकतारा’ की कहानी, ढोल-नगाड़ों से हुआ स्वागत
बीकानेर न्यूज। मैं जन्म से लड़का था, मगर मुझे बचपन से लड़कियों की तरह सजना पसंद था। घर में छुप-छुप कर मम्मी की लिपिस्टिक लगाना, उनकी साड़ी पहनना, बालों को सजाना, गुड़िया के साथ खेलना, दुपट्टा ओढ़ना….यही सारे शौक थे। (Bikaner News) हालांकि तब मैं छोटा था तो घर वालों को लगता था कि बड़ा होगा तो सुधर जाएगा। मगर मेरी लड़कियों की तरह तैयार होने की इच्छा बड़े होकर भी नहीं बदली। यह कहानी है लड़के से लड़की बने इकतारा माहेश्वरी की।
‘जन्म से लड़का था, मगर लड़की बनना चाहता था’
इकतारा माहेश्वरी पैदा भले ही लड़के के तौर पर हुआ, मगर वह लड़की बनना चाहता था। बचपन में तो वह कभी अपने मन की बात घर वालों को नहीं बता पाया। मगर जवानी की दहलीज पर कदम रखा तो डरते-डरते अपने शारीरिक आकर्षण के बारे में अपनी मां को सब कुछ बता दिया। मां ने पिता को सारी बात बताई तो पिता पहले तो नाराज हो गए। मगर उसके बाद वह भी मान गए। 3 साल विदेश में रहकर हार्मोनल चेंज करवाया
लड़के से लड़की बनी इकतारा माहेश्वरी का कहना है कि मां-पापा की सहमति मिले के बाद 3 साल विदेश में रहकर हार्मोनल चेंज करवाया। इस दौरान शरीर के बालों को हटाने की असहनीय पीड़ा भी सही। इसके बाद लाखों रुपए खर्च करके जब लड़की बन गई तो पहला सवाल यही था कि घर वाले स्वीकार करेंगे या नहीं ?
इकतारा बनकर लौटी तो ढोल-नगाड़ों से स्वागत
इकतारा माहेश्वरी का कहना है कि हार्मोनल चेंजेस के बाद लड़की बनकर वह घर के दरवाजे पर पहुंची। तो नजारा कुछ और था, परिवार ने उसके स्वागत में ढोल नगाड़े बजाए। आस पड़ोस के लोग भी इस अनोखे उत्सव का हिस्सा बनने आ गए। रिश्तेदारों ने भी इकतारा को गिफ्ट देकर उसका स्वागत किया। इकतारा का नया रूप देखकर पिता भी खुश दिखाई दिए। इकतारा का कहना है कि किसी परिवर्तन को पहचान कर खुले दिल से स्वीकार करना और उसका साथ देना ही असली इंसानियत है।