रोजाना पुदीना का सेवन करने से कुछ लोगों में सीने में जलन की समस्या हो सकती है. पुदीने के सेवन से गले के नीचे की नली एसोफेजियल स्फिंक्टर बहुत फैल सकता है

जिससे पेट में बन रही गैसें उपर आ सकती है. यानी यह एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को बढ़ा सकता है. इससे एसिडिटी हो सकती है.

. इसलिए जिन लोगों को एसिडिटी से संबंधित समस्या है, उन लोगों को पुदीना का ज्यादा या नियमित सेवन नहीं करना चाहिए.

पुदीने से एलर्जी को कोई खास मामला सामने नहीं आता लेकिन कुछ लोगों को ज्यादा पुदीना खाने के कारण स्किन पर एलर्जी के लक्षण दिख सकते हैं.

. इसलिए जिन लोगों की स्किन ज्यादा सेंसेटिव हैं, उन्हें ज्यादा पुदीना का सेवन नहीं करना चाहिए.

जिन लोगों को जीईआरडी (गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज) यानी पेट से संबंधित गैस या ब्लॉटिंग की समस्या हैं, उ

, उन लोगों को पुदीना का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि पुदीना पेट को सेंसेटिव कर देता है.

आमतौर पर नवजात शिशु या छोटे बच्चो को पुदीन नहीं दिया जाता है लेकिन अगर देते हैं तो डॉक्टरों से जरूर सलाह लें. हा

हालांकि 10 साल के उपर के बच्चों पर इसका नकारात्मक प्रभाव नहीं होता है.

पुदीने को अच्छी तरह धोकर सेवन करना चाहिए क्योंकि इसमें बैक्टीरिया भी हो सकता है. ज्यादा पुराना पुदीने की पत्तियों का सेवन न करें.