Sunday, January 19, 2025
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सोलर पैनल पर कितनी मिलती है सब्सिडी,लगाने की प्रक्रिया से लेकर कीमत तक जानिए सब कुछ!

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सोलर पैनल पर कितनी मिलती है सब्सिडी,लगाने की प्रक्रिया से लेकर कीमत तक जानिए सब कुछ!

3KW के लिए खर्च कितना होगा खर्चा

बीकानेर न्यूज़। अगर आप बिजली के बढ़ते बिल से परेशान हैं और इसका समाधान चाहते हैं, तो सोलर पैनल एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। इसके लिए केंद्र सरकार की पीएम सूर्य घर योजना और किसानों के लिए कुसुम प्रोजेक्ट के तहत सब्सिडी दी जा रही है। राजस्थान में राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त सब्सिडी उपलब्ध नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार से सब्सिडी का लाभ मिल सकता है।

जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में ‘भारत सोलर एक्सपो 2025’ चल रहा है। इसमें देशभर से 200 से ज्यादा कंपनियों की ओर से सोलर पैनल, इन्वर्टर, एनर्जी स्टोरेज पैनल आदि से जुड़े प्रोडक्ट को डिस्प्ले किया जा रहा है। इसमें सबसे ज्यादा क्रेज घरों के ऊपर लगाए जाने वाले सोलर पैनल का है।

पीएम सूर्य घर योजना और किसानों के लिए किसान कुसुम प्रोजेक्ट के तहत बिजली का उत्पादन सोलर पैनल के जरिए किया जा रहा है। इस पर केंद्र सरकार की ओर से सब्सिडी दी जा रही है। राजस्थान में सब्सिडी स्टेट की ओर से नहीं है। कई अन्य राज्यों में स्टेट की ओर से भी सब्सिडी दी जा रही है।

सोलर पैनल कितने तरीके से लगते हैं?
INA सोलर के चीफ टेक्निकल ऑफिसर दीपक जैन ने बताया- सोलर पैनल में दो तरीके का सिस्टम है। ऑन ग्रिड और ऑफ ग्रिड। ऑन ग्रिड में सोलर पैनल के जरिए बिजली डिस्कॉम के पास जाती है। डिस्कॉम बिजली खरीद लेती है। अगले महीने आपके बिल में एडजस्ट कर दिया जाता है। ऑफ ग्रिड सोलर पैनल में बिजली का स्टोरेज घर में लगी बैटरी में किया जाता है। इसका बैकअप 3 से 4 घंटे का होता है। इसे घर में ही यूज कर सकते हैं।

मेरे घर पर कितने किलोवाट का सोलर पैनल लगेगा?
सोलर पैनल लगाने के लिए आपके महीने की बिजली बिल का कैलकुलेशन कर देखा जाता है। अगर महीने का बिजली बिल 2 हजार से 3 हजार रुपए आता है तो आपके घर के लिए 3 KW का पैनल लगाना होगा। अगर महीने का बिल 3 हजार से 4 हजार के बीच है तो 4 KW के पैनल की जरूरत है। जितने हजार का बिल उसके हिसाब से बिजली KW का निर्धारण किया जाता है।

1 KW और 2 KW का सोलर पैनल कम उपयोग या ऑफ ग्रिड पैनल के लिए किया जाता है। कम किलोवाट के सोलर पैनल का उपयोग ज्यादातर खेतों में सिंचाई मोटर को चलाने के लिए किया जाता है। इसमें बैटरी के जरिए स्टोरेज दी जाती है।

कैसे लगवाएं सोलर पैनल?
INA सोलर के चीफ टेक्निकल ऑफिसर दीपक जैन ने बताया- सबसे पहले, आपको अपने नजदीकी डिस्ट्रीब्यूटर सोलर कंपनी से संपर्क करना होगा। वहां जाकर अपने घर के बिजली बिल की कॉपी ले जाएं। बिजली खपत के आधार पर, सोलर पैनल की क्षमता तय की जाएगी। इसके बाद टेक्निकल टीम आपके घर का साइट विजिट करेगी। पैनल लगाने के लिए उपयुक्त जगह का निर्धारण करेगी।

ऑन-ग्रिड सिस्टम के लिए जरूरी दस्तावेजों जैसे बिजली बिल, आधार कार्ड, कैंसिल चेक और प्रॉपर्टी डॉक्युमेंट्स के साथ फाइल तैयार की जाएगी। यह फाइल पीएम सूर्य घर योजना की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। डिस्कॉम के पास जमा होगी।

इसके बाद दो मीटर- एक सोलर और एक नेट मीटर जमा किए जाएंगे। मीटर टेस्टिंग के लिए डिस्कॉम के पास भेजे जाएंगे, जिसमें सात दिन का समय लगता है। 590 रुपए की रसीद कटती है। टेस्टिंग के दौरान मीटर को चेक कर उस पर सील लगाई जाती है। ये सारा काम डिस्ट्रीब्यूटर करेगा। इसके बाद पैनल और स्ट्रक्चर लगेगा।

पैनल इंस्टॉलेशन और सब्सिडी की प्रक्रिया क्या?
सोलर पैनल और उसके स्ट्रक्चर की इंस्टॉलेशन के बाद सब्सिडी के लिए 500 रुपए के दो स्टांप और 130 रुपए का स्टांप डिस्कॉम में जमा करना होगा। इसके साथ 100 रुपए प्रति किलोवाट के हिसाब से डिमांड के रूप में राशि जमा होगी। सब्सिडी के लिए डिस्ट्रीब्यूटर ऑनलाइन आवेदन करेगा। पैनल चालू होने के 15-20 दिनों के भीतर 78,000 रुपए तक की सब्सिडी सीधे ग्राहक के खाते में ट्रांसफर हो जाएगी।

सोलर पैनल की कीमत और सब्सिडी
INA सोलर के चीफ टेक्निकल ऑफिसर दीपक जैन ने बताया कि सोलर पैनल के साथ इनवर्टर, स्ट्रक्चर, वायर और अर्थिंग शामिल होती है। ऑन-ग्रिड सिस्टम बिजली बिल जीरो करने के लिए सबसे उपयुक्त है, जबकि ऑफ-ग्रिड सिस्टम बैटरी पर निर्भर करता है। बैटरी का बैकअप अधिकतम 3-4 घंटे तक होता है।

 

 

 
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