लोकसभा में ‘एक देश-एक चुनाव’ विधेयक पेश,सरकार-विपक्ष में घमासान
बीकानेर न्यूज़। संसद के शीतकालीन सत्र के 17वें दिन मंगलवार (17 दिसंबर) को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में ‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए 129वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। इसके साथ ही केंद्र शासित प्रदेशों से जुड़े तीन कानूनों में संशोधन का बिल भी पटल पर रखा गया, जिसमें जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की संभावनाएं भी शामिल हैं।
सरकार और विपक्ष आमने-सामने
विधेयक के समर्थन और विरोध में सियासी दलों के बीच तीखी बहस देखने को मिली। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाव पर इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा जा सकता है।
विपक्ष का विरोध
- सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि यह बिल देश में तानाशाही लाने का प्रयास है।
- AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसे लोकतंत्र की राष्ट्रपति शैली का संकेत बताते हुए कहा कि इससे क्षेत्रीय पार्टियां खत्म हो जाएंगी।
- कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि यह विधेयक चुनाव आयोग को अवैध शक्तियां देगा।
समर्थन में TDP
तेलुगु देशम पार्टी (TDP) सांसद और केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने अपनी पार्टी की ओर से विधेयक का समर्थन किया।
DMK और TMC का विरोध
- DMK सांसद टीआर बालू ने सुझाव दिया कि इस बिल को संसदीय समिति के पास भेजा जाए।
- TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि यह विधेयक चुनाव सुधार का हिस्सा नहीं है, बल्कि “एक व्यक्ति की महत्वाकांक्षा” पूरी करने के लिए लाया गया है।
विपक्ष के विरोध और समर्थन के बीच यह विधेयक चर्चा और विवाद का केंद्र बना हुआ है।