एक साथ इतनी भेड़ों की हुई मौत, प्रशासन में मचा हडक़ंप
बीकानेर। कतरियासर गांव में बीमारी से एक ही पशुपालक की 80 से अधिक भेड़ें काल का ग्रास बन गईं। पशुपालक की वर्षों कीमेहनत 3 दिनों में ही मिट्टी में मिल गई। दरअसल, कतरियासर के भेड़ पालक शंकर लाल ज्यानी हर रोज की तरह अपनी भेड़ों कोचराने के लिए खेतों में लेकर गया, लेकिन अचानक एक-एक कर उसकी आंखों के सामने 3 दिन में 80 भेड़ों ने दम तोड़ दिया। भेड़ पालक मृत भेड़ों को टकटकी लगाए देखता रहा। कोई इलाज नहीं सूझ रहा था। बीकानेर वेटनरी कॉलेज में ग्रामीणों ने सूचना दी, तो पशुपालन निदेशालय से टीम गठित कर गांव भेजी गई। पशु चिकित्सक उपचार करने में भी जुट गए, पर अब तक अज्ञात बीमारी का पता डॉक्टरों को भी नहीं चला है। वेटनरी टीम रविवार को फिर सैंपल लेने पहुंची, लेकिन भेड़ों के मरने का सिलसिला अभी तक थमा नहीं है। गांव वाले पूरे घटनाक्रम से चिंतित हैं। ग्रामीण राधाकिशन व भागीरथ ज़्यानी समेत अन्य ग्रामीणों ने पशुपालन विभाग से समय रहते बीमारी का पता लगाकर गांव में अन्य भेड़ों का टीकाकरण करने की मांग की है, ताकि दूसरी भेड़ें काल का ग्रास न बनें। पशु चिकित्सक नहीं है आसपास ग्रामीणों ने यह भी बताया कि बताया गांव और आसपास पशुओं के उपचार के लिए कोई पशु चिकित्सक भी उपलब्ध नहीं है। ग्रामीणों को पशुओं का इलाज कराने के लिए बीकानेर या अन्य स्थानों पर ले जाना पड़ता है। गांव में पशु चिकित्सक होता, तो शायद इतनी भेड़ों का अंत इस तरह से नहीं होता।