![](https://i0.wp.com/bikanernews.in/wp-content/uploads/2024/03/बीकानेर-न्यूज़-पोर्टल-पर-अपना-विज्ञापन-कराए.jpg?w=696&ssl=1)
![Facility to make card at office or home available](https://i0.wp.com/bikanernews.in/wp-content/uploads/2024/04/7726010072-2.jpg?resize=696%2C435&ssl=1)
बीकानेर : फर्जीवाड़े की भी हदें पार, मौत के बाद किया मनरेगा में मजदूर का कार्य किया
बीकानेर। कोलायत झझु में मृत्यु के बाद किया मनरेगा में मजदूरी का कार्य । चौंकिए मत, बीकानेर जिले के कोलायत से जुड़ी है। अब मनरेगा पोर्टल पर जॉब कार्ड पर अंकित डाटा इसकी पोल खोल रही है। जिस व्यक्ति की मृत्यु 13 जनवरी 2024 में हो गई ,उन्होंने अपने निधन के बाद 31 जनवरी 2024 तक 14 दिन मनरेगा में मजदूरी की है।
सख्त मॉनिटरिंग के बावजूद सामने आ रहे ऐसे मामले . सख्त मॉनिटरिंग के बावजूद ऐसे मामले यह दर्शा रहे हैं कि काम की गारंटी एक्ट मनरेगा मजदूरों के लिए कम बिचौलियों के लिए ज्यादा लाभप्रद बन गया है। सिक्के की चमक के सामने जिम्मेदार आंखें चौंधियां रही हैं। लिहाजा, योजना का उद्देश्य शत-प्रतिशत फलीभूत नहीं हो पा रहा है। कोलायत के झझू निवासी फकरूदीन की वर्ष 2024 में 13 जनवरी को निधन हो गया था। इनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी बन गया। बावजूद पोर्टल पर मनरेगा के जॉब कार्ड में फैमिली संख्या 9936041 में फकरूदीन ने वर्ष 2024 में 31 जनवरी तक 14 दिन मनरेगा योजना में मजदूरी का काम किया।
यह घटना मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी की ओर इशारा करती है। सख्त निगरानी के बावजूद, ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जो दर्शाते हैं कि योजना का लाभ मजदूरों के बजाय बिचौलियों को हो रहा है। मृत व्यक्तियों के नाम पर काम करना न केवल योजना के दुरुपयोग का एक रूप है, बल्कि यह उन मजदूरों के हक भी छीनता है जो वास्तव में काम की तलाश में हैं।