बीकानेर: बिजली का 'प्रीपेड युग' शुरू, उपभोक्ताओं में असंतोष—स्मार्ट मीटरों को लेकर विरोध तेज

स्मार्ट प्रीपेड मीटरों की शुरुआत के साथ ही उपभोक्ताओं में नाराज़गी बढ़ी। रीडिंग ज्यादा आने और जबरन मीटर लगाने के विरोध में जनप्रतिनिधियों ने दी आंदोलन की चेतावनी।

Jun 27, 2025 - 13:07
 0  23
बीकानेर: बिजली का 'प्रीपेड युग' शुरू, उपभोक्ताओं में असंतोष—स्मार्ट मीटरों को लेकर विरोध तेज

बीकानेर: बिजली का 'प्रीपेड युग' शुरू, उपभोक्ताओं में असंतोष—स्मार्ट मीटरों को लेकर विरोध तेज

बीकानेर। बीकानेर जिले के नापासर कस्बे में विद्युत विभाग ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शुरुआत बंगो मोहल्ले के कुछ घरों से की गई है, जहां पुराने मीटर खराब थे। नई व्यवस्था के तहत अब उपभोक्ताओं को बिजली भी मोबाइल रिचार्ज की तर्ज पर प्रीपेड सिस्टम में मिलेगी—जितनी यूनिट का रिचार्ज, उतनी ही बिजली की खपत। जैसे ही रिचार्ज समाप्त होगा, सप्लाई बंद हो जाएगी।

विभाग का पक्ष:
विभाग के मुताबिक यह योजना पारदर्शिता बढ़ाने और बिजली चोरी रोकने के लिए लाई गई है। स्मार्ट मीटर मोबाइल ऐप से कनेक्टेड रहेंगे जिससे उपभोक्ता अपनी रियल टाइम खपत देख सकेंगे। साथ ही मीटर रीडिंग, बकाया बिल जैसे विवाद भी समाप्त हो जाएंगे।

जनता में विरोध:
जहां विभाग इसे तकनीकी सुधार मान रहा है, वहीं कस्बे में इसके खिलाफ तीव्र विरोध शुरू हो गया है। पूर्व भाजयुमो अध्यक्ष बसंत स्वामी, पार्षद रामचन्द्र दैया, मुरली भारती, राधाकिशन व्यास, दीपक पारीक और निर्मल गहलोत सहित कई जनप्रतिनिधियों ने सार्वजनिक रूप से स्मार्ट मीटरों का विरोध किया है। विरोध करने वालों का कहना है कि इन मीटरों में रीडिंग ज्यादा आ रही है, जिससे आमजन को अधिक भुगतान करना पड़ेगा। उन्होंने इसे "जनता के आर्थिक शोषण की साजिश" बताते हुए चेतावनी दी कि सहमति के बिना कनेक्शन काटना या मीटर लगाना जनविरोध को जन्म देगा।

मांग और चेतावनी:
विरोधियों ने मांग की है कि पहले से लगे स्मार्ट मीटर तुरंत हटाए जाएं और पारंपरिक मीटर वापस लगाए जाएं। यदि विभाग ने जबरन मीटर लगाए तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

विभाग का जवाब:
नापासर बिजली विभाग के सहायक अभियंता कपिल गुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार नापासर समेत बीकानेर, नोखा, देशनोक और लूणकरणसर में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। नापासर में फिलहाल सिर्फ उन घरों में मीटर बदले जा रहे हैं जहां पुराने मीटर खराब हो चुके हैं।

निष्कर्ष:
जहां सरकार इसे डिजिटल सुधार और पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम मान रही है, वहीं आमजन इसे नई मुसीबत और आर्थिक बोझ मान रहा है। देखना यह होगा कि तकनीकी बदलाव को लेकर उठा यह विवाद आगे क्या रुख लेता है—सुलह की ओर बढ़ेगा या टकराव की तरफ़?

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0