एक गलती, पूरा अकाउंट खाली! सिम-स्वैप और कार्ड स्कैम से ऐसे बचें

एक गलती, पूरा अकाउंट खाली! सिम-स्वैप और कार्ड स्कैम से ऐसे बचें
BIKANER NEWS: डिजिटल युग में तेजी से बढ़ रहे सिम-स्वैप और कार्ड स्कैम जैसे फ्रॉड मिनटों में आपका बैंक अकाउंट खाली कर सकते हैं। हाल ही में कोलकाता में एक व्यक्ति 8.8 लाख रु. की ठगी का शिकार हुआ। आइए, जानें इन स्कैम्स से कैसे बच सकते हैं—
क्या होता है सिम-स्वैप स्कैम?
साइबर अपराधी फर्जी दस्तावेज, फिशिंग ईमेल या सोशल इंजीनियरिंग से आपका मोबाइल नंबर अपने नाम पर ट्रांसफर कर लेते हैं।
नतीजा—बैंक व अन्य डिजिटल अकाउंट्स का ओटीपी उसके नंबर पर पहुंचता है और Account Hack हो जाता है।
कार्ड स्कैम कैसे होता है?
आपके कार्ड की जानकारी चोरी कर अपराधी अनधिकृत ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते हैं। ये जानकारी फिशिंग, स्किमिंग डिवाइस, फर्जी वेबसाइट/कॉल्स व SMS के जरिए ली जाती है।
सिम-स्वैप व कार्ड स्कैम से बचने के स्मार्ट उपाय
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संदिग्ध कॉल्स-संदेशों को Ignore करें:
सिम बंद/KYC अपडेट या किसी तरह के लालच वाले कॉल-मैसेज पर निजी जानकारी न दें। -
लिंक पर क्लिक करने से पहले जांचें:
अनजान या फेक साइट/लिंक पर क्लिक न करें; इससे फोन में स्पाईवेयर आ सकता है। -
2-Factor Authentication (2FA) लगाएं:
बैंक, ईमेल, सोशल अकाउंट्स पर पासवर्ड के अलावा OTP या बायोमेट्रिक जैसे एक्स्ट्रा सेक्योरिटी लगाएं। -
मजबूत पासवर्ड और सिम-पिन:
हर अकाउंट के लिए अलग, मजबूत पासवर्ड रखें और सिम पिन भी लगाएं। -
निजी जानकारी शेयर न करें:
आधार नंबर, OTP, कार्ड/बैंक डिटेल्स, KYC जानकारी—किसी को न बताएं, भले ही सामने वाला खुद को बैंक-टेलीकॉम वाला बताए। -
टेलीकॉम ऑपरेटर को कहें:
सिम-स्वैप सिर्फ बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन या इन-पर्सन करें। -
अपने नाम पर एक्टिव सिम जानिए:
tafcop.dgtelecom.gov.in या टेलीकॉम वेबसाइट पर पता करें कि आपके आधार पर कितने सिम एक्टिव हैं। -
संदिग्ध गतिविधि होने पर फौरन शिकायत:
अचानक नेटवर्क चला जाए या अकाउंट में संदिग्ध लेनदेन दिखे तो तुरंत 1909 या cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें। -
DoT के नए सिम नियम:
अब बिना बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन नया सिम नहीं मिलेगा और नए सिम पर 24 घंटे SMS बंद रहेगा।
कार्ड स्कैम से बचाव
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वर्चुअल क्रेडिट कार्ड:
ऑनलाइन भुगतान के लिए असली कार्ड की जगह वर्चुअल/वन-टाइम यूज कार्ड इस्तेमाल करें। -
सिक्योरिटी ऐप:
मोबाइल/कंप्यूटर पर भरोसेमंद एंटीवायरस और सिक्योरिटी ऐप इन्स्टॉल करें। -
नियमित बैंकिंग मॉनिटरिंग:
समय-समय पर अपनी बैंक स्टेटमेंट चेक करें और कोई भी संदिग्ध लेनदेन दिखे तो बैंक को तुरंत सूचित करें।
जागरूकता ही बचाव
साइबर अपराधी हमेशा नए हथकंडे अपनाते रहते हैं, लेकिन आपकी सतर्कता—जैसे निजी जानकारी की सुरक्षा, फेक लिंक से दूरी और भरोसेमंद तकनीक का इस्तेमाल—इन्हें फेल कर सकती है। सतर्क रहेगा, तो सुरक्षित रहेगा!
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