बड़ा हादसा: मक्का से मदीना जा रही बस डीजल टैंकर से टकराई, 42 भारतीयों की मौत, 20 महिलाएं और 11 बच्चे शामिल

Nov 17, 2025 - 11:20
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बड़ा हादसा: मक्का से मदीना जा रही बस डीजल टैंकर से टकराई, 42 भारतीयों की मौत, 20 महिलाएं और 11 बच्चे शामिल

बड़ा हादसा: मक्का से मदीना जा रही बस डीजल टैंकर से टकराई, 42 भारतीयों की मौत, 20 महिलाएं और 11 बच्चे शामिल

Saudi Arabia accident : सऊदी अरब से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। मक्का से मदीना जा रही 42 भारतीय उमरा यात्रियों से भरी बस सोमवार देर रात डीजल टैंकर से टकरा गई, जिससे भीषण आग लग गई। इस हादसे में सभी 42 लोगों की मौत हो गई, जबकि केवल एक व्यक्ति जीवित बचा है। मृतकों में 20 महिलाएं और 11 बच्चे शामिल बताए जा रहे हैं। यह हादसा भारतीय समयानुसार रात करीब 1:30 बजे मदीना से लगभग 160 किलोमीटर दूर मुहरास के पास हुआ। बताया जा रहा है कि हादसे के समय अधिकांश यात्री गहरी नींद में थे, जिससे किसी को बचने का मौका नहीं मिला।

मृतकों में अधिकांश लोग तेलंगाना और हैदराबाद के बताए जा रहे हैं। वे उमरा (छोटी तीर्थयात्रा) के लिए मक्का गए थे और मदीना लौटते समय यह हादसा हुआ। तेलंगाना सरकार ने कहा है कि वह रियाद में भारतीय दूतावास के निरंतर संपर्क में है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने दिल्ली में मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे दूतावास के साथ तालमेल कर पीड़ितों की पहचान और औपचारिकताओं में मदद करें। जेद्दा स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने हादसे के बाद 24x7 कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।  हेल्पलाइन नंबर: 8002440003,  इसके साथ ही तेलंगाना सरकार ने भी राज्य सचिवालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया है, ताकि परिजन अपने प्रियजनों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें।  संपर्क नंबर: 79979-59754, 99129-19545

असदुद्दीन ओवैसी ने जताया दुख
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने हैदराबाद की दो ट्रैवल एजेंसियों से संपर्क कर पीड़ितों की जानकारी रियाद स्थित भारतीय दूतावास को भेजी है।
ओवैसी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अपील की है कि मृतकों के शवों को भारत लाया जाए और घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता दी जाए।

उमरा क्या है?
उमरा को साल के किसी भी दिन किया जा सकता है और इसके लिए कोई खास तारीख नहीं होती। उमरा फर्ज नहीं है, बल्कि मक्का-मदीना की तीर्थयात्रा का एक छोटा रूप है, जिसे कोई भी मुसलमान कभी भी, जितनी बार चाहे कर सकता है। हज करने के लिए खास इस्लामी तारीखें होती हैं (इस्लामी कैलेंडर के जिलहिज्जा महीने की 8 से 12 तारीख के बीच)। उमरा कभी भी किया जा सकता है।

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