शहर का हाल बेहाल... न मंत्री दिखें न विधायक, टिकट मांगने वाले दावेदार भी नहीं आए नजर, देखें वीडियो

शहर का हाल बेहाल... न मंत्री दिखें न विधायक, टिकट मांगने वाले दावेदार भी नहीं आए नजर, देखें वीडियो
बीकानेर। मेरे इस शहर की समस्या के समाधान की सुध लेने वाला कोई नहीं है। हर साल बारिश में वो ही समस्या नजर आती है। निचले इलाके पानी-पानी हो जाते है। लेकिन इस स्थिति को ठीक करने वाले कोई नजर ही नहीं आए। दोनों विधायक भी इस स्थिति का जायजा ही नहीं लिया। पश्चिम विधायक घुटनों के ऑपरेशन की वजह से जयपुर है। लेकिन उनका कोई भी प्रतिनिधि इस हालत को देखने ही नहीं गया। बीकानेर पूर्व विधायक सिद्धि कुमारी पहले से ही कम ही नजर आती है। पूर्व मंत्री बीडी कल्ला और बीकानेर पूर्व से चुनाव लड़ चुके यशपाल गहलोत भी इस विकट स्थिति में कही दिखे ही नहीं। पार्षद चुनावों की तैयारी करने वाले कुछ नेता जरूर कही-कही नजर आए।
बाकि जनप्रतिनिधि तो इस समस्या के इर्द-गिर्द ही नहीं दिखे। सवाल तो ये ही उठता है की आखिर जनता केवल चुनाव के समय ही याद आती है? जनता को भी अब सोचना होगा की अब कोई वोट मांगने आए तो ध्यान रखे। शुक्रवार को हुई बारिश को देखते हुए लगता है समस्या का समाधान बीकानेर में कभी होना ही नहीं है। चाहे यहां से केंद्रीय मंत्री बन जाए, तीन-तीन मंत्री बन जाए, एक ही पार्टी के 7 में से 6 विधायक बन जाए लेकिन बीकानेर की समस्या तो जस की तस ही नजर आनी है। बीकानेर में शुक्रवार को हुई बारिश के बाद जनप्रतिनिधि में भगवान सिंह मेड़तिया और अधिकारीयों में यशपाल आहूजा ही दिखे। स्टेशन रोड मुख्य मार्ग है जहां पर तीन दिन होने बाद भी नाले को ठीक नहीं किया गया।
करीब डेढ़ घंटे की बारिश से लबालब हुआ शहर, पानी व जाम में फंसे लोग घटों देरी से पहुंचे घर
बीकानेर में मानसून की सबसे तेज बारिश शुक्रवार को हुई। दोपहर दो बजे बारिश का सिलसिला शुरू हुआ, जो करीब डेढ़ घंटे चलता रहा। बीकानेर शहर के अलावा आसपास के गांवों में भी अच्छी बारिश हुई है। बीकानेर शहर पर दोपहर 12 बजे बाद से ही बादलों का जमावड़ा शुरू हो गया था। दोपहर दो बजे तक बादल बरसने शुरू हुए तो साढ़े तीन बजे तक लगातार बरसते ही रहे। हालांकि बीच-बीच में कम-तेज होती रही। इससे कच्ची बस्तियां व निचले इलाकों में पानी एकत्र हो गया, वहीं कुछ मोहल्लों में दो से तीन फीट तक पानी जमा हो गया। जो परेशानी का कारण बना। वहीं, पुरानी गिन्नाणी के निवासियों के लिए बारिश एक बार फिर आफत बनकर आई है। यहां अधिकांश पानी अंदर घुस गया, ऐसे में कई घर-परिवारों को आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ेगी ।
इसी तरह, पानी के दबाव से सूरसागर की दीवार टूट गई, जिसके कारण पानी तेज गति के साथ सूरसागर में घुस आया। जूनानगढ़ के चारों तरफ पानी ही पानी हो गया। पानी निकासी की व्यवस्था जिसके जिम्मे में है, उस विभाग का कार्यालय पानी में डूब गया। आगे से निकल रही सड़क पर चार से पांच फीट पानी जमा हो गया। इसी तरह कलेक्ट्रेट परिसर में भी तालाब बन गया। कोटगेट-केईएम रोड पर नदी जैसे बहाव देखने को मिला। इस पानी के बहाव में कई दुपहिया वाहन तैरते नजर आए। स्टेशन रोड़ पर भी ऐसे ही हालात देखने को मिले, जहां हीरालाल मॉल के सामने खड़े वाहन पानी में डूब गए।
पत्रिका कार्यालय के सामने पूरी सड़क पानी में डूब गई, जिससे वाहनों का लंबा जाम लगा गया, गजनेर पुल पर वाहनों का लंबा देखने को मिला। जस्सूसर गेट क्षेत्र में पानी जमा हो गया, जिससे यातायात बाधित हुआ। गंगाशहर क्षेत्र की सड़कें भी पानी से लबालब नजर आई। वहीं, नाली की पाल टूटने से खुदखुदा कॉलोनी जलमग्न हो गई, जो कि यहां के निवासियों के लिए कई दिनों की समस्या बना गया।
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