वायरल वीडियो वाले नेता जी की कांग्रेस में वापसी, समर्थकों और विरोधियों में तीखा टकराव
बाड़मेर के पूर्व विधायक की कांग्रेस में वापसी से सियासत गरमाई। समर्थक खुश, विरोधी नाराज। गुटबाजी और सोशल मीडिया पर तीखी बहस छिड़ी।

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वायरल वीडियो वाले नेता जी की कांग्रेस में वापसी, समर्थकों और विरोधियों में तीखा टकराव
बाड़मेर। राजस्थान की सियासत में हलचल तेज हो गई है। बाड़मेर के पूर्व विधायक और वायरल वीडियो कांड में घिरे रहे नेता जी की कांग्रेस में औपचारिक वापसी हो गई है। 25 सितंबर 2025 को पार्टी ने उनका निलंबन समाप्त करते हुए वापसी का आदेश जारी कर दिया।
विवादों के कारण हुए थे निलंबित
2023 में वायरल अश्लील वीडियो और गैंगरेप के आरोपों के चलते कांग्रेस ने तत्काल प्रभाव से उन्हें निलंबित कर दिया था। जोधपुर के राजीव नगर थाने में पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस विवाद ने विधानसभा चुनाव में खूब सुर्खियां बटोरी थीं और उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
कानूनी राहत के बाद वापसी की राह
2024 में राजस्थान हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई। इसके बाद उनके समर्थकों ने निर्दोष बताते हुए कांग्रेस में वापसी की मांग तेज कर दी थी। हाईकमान से मंजूरी मिलने के बाद अब उनकी वापसी को औपचारिक रूप दे दिया गया है।
कांग्रेस दो खेमों में बंटी
उनकी वापसी पर कांग्रेस में मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं।
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समर्थक गुट का कहना है कि बाड़मेर में उनका मजबूत जनाधार है और इससे पश्चिमी राजस्थान में कांग्रेस को मजबूती मिलेगी।
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विरोधी गुट में सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, विधायक हरीश चौधरी और जिला कांग्रेस अध्यक्ष जैसे नेता शामिल हैं। इनका कहना है कि अश्लील सीडी और रेप केस से पार्टी की छवि धूमिल होगी। हरीश चौधरी ने बिना नाम लिए कहा— “चरित्रहीन ताकतों के साथ समझौता करने से बेहतर है कि मैं राजनीति से संन्यास ले लूं।”
सोशल मीडिया पर बवाल
वापसी की खबर सोशल मीडिया पर भी गर्म है। कई लोग इसे कांग्रेस की मजबूरी बता रहे हैं, जबकि विरोधी इसे “बाड़मेर की सियासत का पतन” कहकर निशाना साध रहे हैं।
आगे क्या?
नेता जी की वापसी से कांग्रेस में गुटबाजी और बढ़ने का खतरा है। विरोधी गुट पहले ही दिल्ली में डेरा डाल चुका है और हाईकमान पर दबाव बना रहा है। हालांकि, समर्थकों को उम्मीद है कि उनका अनुभव और जनाधार पार्टी को आगामी चुनाव में फायदा दिला सकता है।
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